परिकल्पना
मेरी परिकल्पना
की दुनिया में आपका स्वागत है. यदि मेरी कल्पना में कोई सच दिखता है तो इसे मात्र एक सयोंग
ना
माना जाये...........
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रविवार, नवंबर 06, 2011
याद-2
खोई खोई निगाहें धुंधली सी
प्यार का इशारा दे रही
सागर से पूछो, पलकों में बहती हुई
शर्माना तुम्हारा, छुपती मुस्कान भी
जवाब देती हुई इठलाती सी
पल भर का तेज़ देती हुई
आखिर क्यों मुझसे दूर चली गयी .......
गौरव कुलकर्णी
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