मेरी परिकल्पना की दुनिया में आपका स्वागत है. यदि मेरी कल्पना में कोई सच दिखता है तो इसे मात्र एक सयोंग ना माना जाये...........

रविवार, सितंबर 25, 2011

अहसानों से लदे हुए उस फूल को
जब याद दिलाते हैं उसकी खुशबू
सीना तान के खिलखिलाकर
समझता हैं अपने आपको को राजा
पौधे (पेड़) को समझता जब वो अपना दास
तभी माली यमदूत बन कर उसे दिखता
काट ले जाता उसका घमंड अपने साथ | 

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